5 EASY FACTS ABOUT पारद शिवलिंग ONLINE DESCRIBED

5 Easy Facts About पारद शिवलिंग online Described

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स्वयंभू शिव: स्फटिक शिवलिंग को भगवान शिव का स्वयंभू रूप माना जाता है। अर्थात, यह प्राकृतिक रूप से निर्मित होता है और किसी बाहरी प्रक्रिया से नहीं।

ब्रह्महत्या सहस्त्राणि गौहत्याया: शतानि च।

शिवलिंग अंडाकार है क्योंकि शिव ही वह बीज है जिसने सृष्टि का निर्माण किया। यही कारण है शिव से सम्बंधित वह बीज अंडाकार है। वहीँ वैज्ञानिकों की मानें तो इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का निर्माण एक छोटे से अंडे से हुआ है।

आपण ह्या लेखात पारद शिवलिंग बद्दल जाणून घेऊया.

शिवलिंग की पूजा करने से जातक की आर्थिक स्थिति भी काफी मजबूत होती है और उसे भविष्य में कभी भी आर्थिक स्थिति से नहीं जूझना पड़ता।

घर में धातु का बना हुआ शिवलिंग ही रखना चाहिए।

पारद शिवलिंग की पूजा से आध्यात्मिक विकास में सहायता मिलती है।

पारद शिवलिंग ज्या घरात असेल तेथे अकाल मृत्यू चे भय राहत नाही.

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शिवलिंग (अर्थात प्रतीक, निशान या चिह्न) इसे लिंगा, पार्थिव-लिंग, लिंगम् या शिवा लिंगम् भी कहते हैं। यह हिंदू भगवान शिव का प्रतिमाविहीन चिह्न है। यह read more प्राकृतिक रूप से स्वयम्भू व अधिकतर शिव मंदिरों में स्थापित होता है। शिवलिंग को सामान्यतः गोलाकार मूर्तितल पर खड़ा दिखाया जाता है, जिसे पीठम् या पीठ कहते हैं।

तुम्ही भक्तिभावनेने त्या शिवलिंगाला देवघरात स्थान देऊ शकता. 

इसकी नियमित पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाती है।

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क्या घर में पारद शिवलिंग रखना सुरक्षित होता है?

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